स्टॉक मार्केट रेगुलेटर SEBI ने सोमवार को केतन पारेख, एक विवादित स्टॉक मार्केट ऑपरेटर, और दो अन्य व्यक्तियों को फ्रंट-रनिंग स्कैम में शामिल होने के आरोप में स्टॉक मार्केट से प्रतिबंधित कर दिया।
SEBI ने पारेख, सिंगापुर बेस्ड ट्रेडर रोहित सालगांवकर और अन्य के जरिए घोटाले से गलत तरीके से कमाए गए 65.77 करोड़ रुपये भी जब्त कर लिए हैं। केतन पारेख पहले भी बाजार में हेरफेर के आरोपों में दोषी पाए गए हैं। 2000 के कुख्यात स्टॉक मार्केट घोटाले में उनकी भूमिका के लिए उन्हें 14 साल के लिए बैन और जेल की सजा हो चुकी है।
फ्रंट-रनिंग स्कैम का तरीका
रोहित सालगांवकर और केतन पारेख ने एक US-बेस्ड फंड हाउस (जिसे रिपोर्ट में Big Client/FPI कहा गया) के ट्रेड्स को फ्रंट-रन करने का नया तरीका अपनाया। इस फंड हाउस का ग्लोबल मैनेजमेंट लगभग $2.5 ट्रिलियन है।
SEBI के अनुसार, Big Client के ट्रेडर्स जब सालगांवकर के साथ ट्रेडिंग के लिए काउंटर-पार्टियों पर चर्चा कर रहे थे, सालगांवकर इस जानकारी का उपयोग अवैध मुनाफा कमाने के लिए कर रहे थे। उन्होंने यह जानकारी केतन पारेख को भेजी, जो इसे योजनाबद्ध तरीके से इस्तेमाल कर फ्रंट-रनिंग के जरिए ट्रेड्स को अंजाम देते थे।
WhatsApp के जरिए निर्देश
SEBI की 188-पेज की इंटरिम ऑर्डर में 22 इकाइयों के नाम दिए गए हैं, जिनमें पारेख और सालगांवकर भी शामिल हैं। जांच में पाया गया कि फ्रंट रनर्स (FRs) को ट्रेडिंग निर्देश WhatsApp चैट्स या कॉल्स के जरिए दिए जा रहे थे। केतन पारेख का नंबर WhatsApp पर “Jack/Jack New/Boss” के नाम से सेव था।
अन्य निष्कर्ष
- SEBI ने पाया कि Big Client के ट्रेड्स और फ्रंट-रनर्स के ट्रेड्स के बीच बार-बार समानता (सिक्रिप, प्राइस, क्वांटिटी, टाइमिंग) थी। यह तभी संभव हो सकता था जब FRs को Non-Public Information (NPI) या उससे जुड़े ट्रेडिंग निर्देश मिले हों।
- यह घोटाला SEBI ने कोलकाता और मुंबई में 17 इकाइयों के परिसरों पर सर्च और सीजर ऑपरेशन के दौरान उजागर किया।
Motilal Oswal और Nuvama Wealth Management
Motilal Oswal और Nuvama Wealth Management ने Big Client के ट्रेड्स को सुविधाजनक बनाया, लेकिन SEBI ने स्पष्ट किया कि उनके खिलाफ किसी भी गलत काम का प्रमाण नहीं मिला।
फ्रंट-रनिंग क्या है?
फ्रंट-रनिंग एक अवैध प्रक्रिया है, जिसमें निजी जानकारी का इस्तेमाल कर पहले ट्रेड्स करके दूसरों के ट्रेड्स का फायदा उठाया जाता है। SEBI ने इस मामले में सख्त कार्रवाई करते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की है।